‘सरस हिंदी पाठमाला’ का निर्माण एन. सी. एफ. के दिशा निर्देशों तथा दक्षिण भारतीय राज्यों के बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार किया गया है। पुस्तक निर्माण में बच्चों की आयु, योग्यता, स्तर आदि का विशेष ध्यान रखा गया है।