‘वाणी विनय’ हिंदी पाठमाला शृंखला ‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा’ बुनियादी स्तर 2022, निपुण भारत मिशन एवं एन.सी.एफ-स्कूली शिक्षा स्तर 2023 (एन.सी.एफ-एफ.एस व एन.सी.एफ.-एस. ई.) के आलोक में नवीनतम पाठ्यक्रम पर आधारित है। इस पुस्तकमाला में पठन-पाठन की प्रक्रिया को उत्साहवर्धक, रुचिकर एवं सार्थक बनाने के लिए बच्चों के कोमल मन, आयु, रुचि एवं बोध स्तर को ध्यान में रखकर पाठों का चयन किया गया है। इस पाठ्यपुस्तक- शृंखला की ख़ास बात यह भी है कि इसे बालकेंद्रित बनाने के लिए ‘5E’s’; जैसे- Engage (जोड़ना/रुचि जगाना), Explore (खोज करना), Express (अभिव्यक्त करना), Experience (अनुभव करना), Excel (उत्कृष्टता) को आधार बनाया गया है और पूरी शृंखला इन्हीं स्तंभों पर रची व बुनी गई है। इस संरचना को अपनाकर विद्यार्थी सरलतापूर्वक तय पाठ्यचर्या के लक्ष्यों एवं दक्षताओं को अर्जित कर सकेंगे। शृंखला का एकमात्र उद्देश्य भाषा शिक्षण-अधिगम के चारों स्तंभों जैसे बच्चे की मौखिक भाषा का विकास, शब्द पहचान, उसक पढ़ने, लिखने के कौशलों का समुचित विकास करना है साथ ही इन कौशलों में बच्चों की कक्षा अनुरूपीय दक्षताओं को अर्जित करने में सहायक की भूमिका निभाना है। इस पाठ्यपुस्तक में चित्रकथा, कविता, गीत, कहानी, संस्मरण, रेखाचित्र, जीवनी, एकांकी, यात्रा-वर्णन, निबंध, नाटक, पत्र, विज्ञान कथा एवं साक्षात्कार आदि विविध विधाओं को मोती की तरह पिरोया गया है। नवीनतम गतिविधियों एवं शिक्षण-युक्तियों की सहायता से निर्मित सुंदर बहुरंगी चित्रों के माध्यम से विषयवस्तु को मनमोहक एवं सहजता से बोधगम्य बनाकर प्रस्तुत करती इस शृंखला की विशेषता है कि इसके निर्माण में देश भर के प्रबुद्ध शिक्षकों ने अपने स्तर पर पुनरीक्षक बनकर पुस्तक को एक संवर्धित स्वरूप प्रदान करने में सहायता प्रदान की है।
इस पाठ्यपुस्तक-शृंखला की सहायता से विद्यार्थी बहुत सरलता से हिंदी भाषा सीख व जान सकेंगे तथा पाठ की विषयवस्तु के साथ अपने अनुभवों का तारतम्य आसानी से बिठा सकेंगे। ये पाठ्यपुस्तकें छात्रों की भाषा संबंधी समझ को अधिक रुचिकर ढंग से समृद्ध ही नहीं करेगी, अपितु नवाचारी एवं आनंददायी अधिगम की सहायता से उनके अंतःनिहित बहुप्रतिभाओं के चहुमुखी विकास में भी सहायता करेंगी। स्वभावतः छात्रों में विविध ढंग से समझने व लिखने की जिज्ञासाएँ एवं उत्सुक्ताएँ होती हैं। वे अपने आस-पास के परिवेश को बड़ी कौतूहलपूर्ण दृष्टि से देखते हैं और उसे जानने के लिए सहज ही प्रेरित भी होते हैं, यही प्रेरणा उनकी प्रगति को सुनिश्चित करता है। बच्चे अपने परिवेश के साथ सरलता से जुड़ सकें, यही इस शृंखला का और हमारा उद्देश्य है।